जनरल नॉलेज से संबंधित बहुत सारे सवाल अक्सर 10वीं बोर्ड की एग्जाम में या फिर 12वीं बोर्ड की एग्जाम में आते ही हैं। यहां तक की जो प्रतियोगी परीक्षाएं होती है, उसमें भी इस प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं, परंतु कई बार इस प्रकार के सामान्य से सवालों का जवाब भी हमें पता नहीं होता है, जिससे सबसे बड़ा कारण यह है कि, हम जनरल नॉलेज की बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं।
क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि, आखिर जिस प्रकार से आप किसी भी गाड़ी या फिर मोटरसाइकिल को देखकर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि, उसमें कौन सा ईंधन पड़ता होगा और वह कितना माइलेज देती होगी, क्या इस प्रकार से आपने कभी यह अंदाजा लगाया है कि आखिर हवाई जहाज में कौन सा ईंधन पड़ता है और वह कितना माइलेज देता है। हमें पता है कि आपने कभी भी इसके बारे में नहीं सोचा होगा, तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि आखिर हवाई जहाज में कौन सा तेल पड़ता है और उसकी बिक्री कितने रुपए लीटर होती है।
कोरा पर पूछा गया सवाल
बताना चाहते हैं कि, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर एक यूजर के द्वारा यह सवाल किया गया कि, आखिर हवाई जहाज में कौन सा तेल डाला जाता है और उसकी कीमत कितनी होती है। इस सवाल को पोस्ट करने के बाद लोगों ने अपने-अपने विचार को प्रस्तुत किया।
किसी ने कुछ कहा तो किसी ने कुछ कहा। वही कुछ यूज़र ने यह भी कहा कि, हवाई जहाज में ना तो पेट्रोल डाला जाता है ना ही डीजल डाला जाता है, बल्कि उसमें एक स्पेशल प्रकार का तेल डाला जाता है, जिसे जेट फ्यूल कहा जाता है अर्थात जेट ईंधन कहा जाता है, तो आखिर में सही जवाब क्या है चलिए आगे जानते हैं।
कितने रुपये का है जेट फ्यूल
हवाई जहाज में जो तेल डाला जाता है, उसे जेट इंधन ही कहते हैं। बताना चाहते हैं कि, हवाई जहाज के ईंधन दो प्रकार के होते हैं। पहला AVGAS होता है, जिसका इस्तेमाल छोटे हवाई जहाज में किया जाता है और दूसरा जेट ईंधन होता है जिसका इस्तेमाल बड़े हवाई जहाज में किया जाता है।
अगर कीमत की बात करें, तो जेट इंधन पेट्रोल अथवा डीजल की तरह लीटर में नहीं मिलते बल्कि इनकी बिक्री किलो लीटर में करी जाती है। देश के अलग-अलग शहरों में इनकी कीमतों में भिन्नता होती है। जैसे की दिल्ली में जेट इंधन 11,12,356 रुपए प्रति किलो लीटर बिकता है तो वही मुंबई में 1,11,246 प्रति किलोलीटर इसकी बिक्री होती है। वहीं चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में भी इसकी कीमत में भिन्नता है। समय-समय पर इसकी कीमतों में कमी या फिर बढ़ोतरी होती रहती है।