Chikungunya symptoms : चिकनगुनिया एक प्रकार का वायरस होता है, जो इनफेक्टेड फीमेल मच्छर के द्वारा इंसानों को काटने पर इंसानों को हो जाता है। जानकारी के अनुसार सुबह के समय में या फिर दोपहर के बाद अंधेरा होने से पहले चिकनगुनिया का प्रभाव ज्यादा होता है, क्योंकि इस समय मच्छर काफी ज्यादा मात्रा में बाहर निकलते हैं, जो इंसानों को काटते हैं।
चिकनगुनिया होने पर व्यक्ति को अपने जोड़ों में दर्द होता है, साथ ही उसका सर दर्द करता है और चक्कर, थकान और खुजली की समस्याएं भी दिखाई पड़ती है। मच्छर के काटने के तकरीबन तीन से सात दिनों के बाद चिकनगुनिया की स्टार्टिंग हो जाती है। कभी-कभी यह बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है, कभी-कभी ट्रीटमेंट लेने की आवश्यकता होती है।
चिकनगुनिया के लक्षण क्या है ?
चिकनगुनिया की समस्या हो जाने पर व्यक्ति को सर दर्द होता है, उसके अंदर थकान काफी ज्यादा हो जाती है, उसे चक्कर भी आने लगते हैं और उसे काफी ज्यादा आलस लगता है, वही चिकनगुनिया होने के 12 से 15 दिनों के बाद उसे उल्टी की समस्याएं भी दिखाई पड़ती है। इसके अलावा चिकनगुनिया के पेशेंट को जोड़ों में दर्द भी होता है।
चिकनगुनिया का निदान
किसी पेशेंट को चिकनगुनिया की समस्या है या नहीं, इसके बारे में पता लगाने के लिए डॉक्टर के द्वारा सबसे पहले पेशेंट का डेंगू और मलेरिया का टेस्ट किया जाता है और उसके बाद चिकनगुनिया का टेस्ट होता है। इसके लिए व्यक्ति की बॉडी में से खून की थोड़ी मात्रा निकाली जाती है और ब्लड टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा एंजाइम लिंक इम्यूनोजॉर्बेंट जैसे दूसरे ब्लड टेस्ट को भी करवाने की आवश्यकता होती है, जिसकी सहायता से बॉडी में चिकनगुनिया से लड़ने वाले एंटीबॉडीज के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।
चिकनगुनिया का उपचार
चिकनगुनिया के लिए कोई स्पेशल वैक्सीन या फिर मेडिसिन नहीं है, अधिकतर मामले में जो पेशेंट होता है वह 7 दिनों के अंदर ठीक हो जाता है, परंतु जोड़ों की समस्या कुछ महीने तक बनी रह सकती है। चिकनगुनिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बुखार और दर्द को कम करने वाली मेडिसिन को लेने की सलाह दी जाती है।