दोस्तों आज तो कार का चलन बहुत ज्यादा हो गया है और हिंदुस्तान में हर घर में कार आ गयी है . लेकिन एक समय ऐसा था जब लोग रेल गाडी से सफ़र करने में बहुत मजा लेते थे . जब रेलगाड़ी चलती थी लोग और बच्चे रुक कर देखते थे , लेकिन अब वो चलन बिलकुल ख़तम हो गया है . लेकिन आपको बता दे की रेलगाड़ी को चलाने के लिए बहुत सी तकनीक का सहारा लेना पड़ता है . जिनके बारे में आपको पता नहीं होगा , एक ऐसा ही सवाल आपके दिमाग में होगा की रेलवे लाइन पर पथर क्यों पड़े होते है .
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क्या है राज रेलवे लाइन पर पथर पड़े होने का
आप जब रेलगाड़ी से सफ़र करते है तो आप एक चीज़ नोट करते है की रेलवे लाइन पर पथर पड़े होते है , आपका दिमाग ये सोचता है की रेलगाड़ी को चलाने के लिए इसकी क्या जरूरत . आपको बता दे की ये पथर डालने के एक कारण नहीं बल्कि तीन तीन कारण है . आपको बता दे की जब रेलगाड़ी चलती है तो ये पथर आपस में जुड़े रहते है जिसके कारण रेलगाड़ी का संतुलन बना रहता है .
जब बारिश का मौसम होता है तो रेलगाड़ी के ट्रैक पर पड़े हुए लकड़ी के फटे गल जाते है तब भी ये पथर पटरी की रक्षा करते है .वैसे भी ये पथर सुरक्षा कारण से बहुत जरूरी होते है क्योकि रेलगाड़ी बहुत ज्यादा शोर करती है तो ये पथर उन शोर को कम करने के लिए सहायता करते है .
किस चीज़ के बने होते है ये पथर
वैसे एक और भी कारण है रेलवे लाइन पर पथर पड़े होने का और वो कारण है इन पथरो के कारण ट्रैक पर पेड़ पोधे ना उग सके . जिससे ट्रैक पर फिसलन पैदा ना हो और रेलगाड़ी अच्छी तरह से चलती रहे . आपको बता दे की ये पथर बनाने में कई सारे मटेरियल का इस्तेमाल होता है , ये पथर ग्रेनाईट और चुना पथर से बने हुए होते है .