दोस्तों सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जिसमे पुनर्जन्म को माना जाता है और दुनिया के और किसी मजहब में इसको नहीं माना जाता है . हमारे ऋषि मुनियों ने इस चीज़ की खोज लाखो साल पहले ही कर ली थी जब की आज के वैज्ञानिक भी इस चीज़ की खोज नहीं कर पाए है . हम कभी ये भी सोचते है की मरने के बाद क्या होता और क्या कोई भूत योनी भी होती है , इस बात की खोज सब करना चाहते है लेकिन इसके लिए तो मरना पड़ेंगा . लेकिन आज हम एक ऐसे आदमी की कहानी आपको बताएँगे जिसके साथ ये सब कुछ हो चूका है और फिर उसने जनम लेकर ये सब कहानी बताई .
14 साल तक रहा पीपल के पेड़ पर
आज हम जिनकी बात आपको सुनाने जा रहे है वो पिछले जनम में एक मास्टर थे और गाव मित्रोल में संस्कृत के टीचर थे , किसी कारण से उनकी मृत्यु हो गयी थी . फिर वो 14 साल कई दूसरी आत्माओ के साथ एक पीपल के पेड़ के ऊपर रहे और फिर इस जनम में आकाश के रूप में जनम लिया . उन्होंने पूरा विस्तार से बताया की मरने के बाद जो आत्मा भटकती है उनके साथ क्या होता है . उनका कहना था की सूक्ष्म रूप में रहने में बहुत कष्ट होता है क्योकि आभास तो सब होता है लेकिन कर कुछ नहीं सकते .
सुनाई अपनी पुनर्जन्म की कहानी
इस जनम के आकाश ने बताया की जब वो भूत योनी में था तो उसको भूख प्यास भी लगती थी लेकिन वो कुछ ना तो खा सकता था ना ही कुछ पी सकता था . उसने बताया की भगवान नाम के जाप करने से ही उसकी भूख प्यार मिट जाती थी , उन्होंने बताया की अगर आपके कुछ कर्म शेष रह जाती है और आपकी मृत्यु हो जाती है तो आपको भूत योनी में जाना पड़ता है .