नई दिल्ली : क्रिकेट के इतिहास में बहुत से ऐसी खिलाडी हुए है जिन्होंने भारत के लिए बहुत बड़ी बड़ी ट्राफी ला कर दी है , जैसा की कपिल देव ने वर्ल्ड कप भारत की झोली में ला के दे दिया था . लेकिन उसके बाद वर्ल्ड कप के लिए भारत तरस गया था तब महिंदर सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni ) ने आकर देश की झोली में वर्ल्ड कप ला कर दिया था . आपको याद है की 14 सितम्बर 2007 के दिन ही महिंदर सिंह धोनी को भारत का कप्तान बनाया गया था , और जो उन्होंने क्रिकेट टीम के लिए किया वो शायद और कोई नहीं कर सकता .
गौतम गंभीर ने की धोनी की तारीफ़
जब धोनी भारतीय टीम में नहीं आये थे तब भारत की टीम कुछ ख़ास नहीं कर रही थी वो दुसरे देशो में तो मैच हार ही रही थी साथ ही साथ अपने देश में भी मैच नहीं जित पा रही थी . उस समय धोनी ने भारतीय टीम ज्वाइन की थी और पहली कप्तानी टी 20 मैच में पाकिस्तान के खिलाफ की थी .
इस मैच में धोनी ने पूरा जोर लगा दिया था और मैच को ड्रा करवाने में सफल रहे थे .गौतम गंभीर ने बताया की धोनी हमेशा 3 नंबर पर खेलने आते थे और ट्राफी भारत के नाम करने के लिए उन्होंने अपने रन की क़ुरबानी दे दी . अगर वो पहले नंबर पर खेलते तो वो बहुत ज्यादा रन बना सकते थे और कई रिकॉर्ड भी तोड़ सकते थे .
धोनी ने जिताया था विशव कप
धोनी ने जिस टूर्नामेंट से अपना कप्ताई के रूप में आगाज किया था उस पर उन्होंने कब्ज़ा कर लिया था , और पाकिस्तान टीम को भी हरा दिया था . जिस वर्ल्ड कप के लिए भारत सालो से तरस रहा था धोनी ने 2011 में वो वर्ल्ड कप भारत की झोली में ला कर डाल दिया था . उन्होंने वर्ल्ड कप के मैच में श्री लंका को हराया था और इसी मैच में उन्होंने 91 रन की शानदार पारी भी खेली थी .
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धोनी अपने शुरू के समय में रेलवे में टिकेट कलक्टर के रूप में काम किया था , लेकिन उनका वहा पर ज्यादा मन नहीं लगा . धोनी वो नौकरी छोड़ कर वापिस क्रिकेट के मैदान में घुस गए थे , और यही से उनका भाग्य बदल गया . आज जो धोनी ने किया है शायद ही कोई दूसरा खिलाडी ये करामत कर सके .